नियमित एक्सरसाइज से ना सिर्फ तन और मन को स्वस्थ रखा जा सकता है बल्कि कई बीमारियों से बचाव भी हो सकता है। डॉक्टर भी अच्छी सेहत के लिए व्यायाम की सलाह देते हैं। इस अध्ययन का भी कुछ ऐसा ही कहना है। इसमें पाया गया कि हफ्ते में तीन घंटे की वाकिंग, जॉगिंग, योग या किसी भी तरह की एक्सरसाइज से डिप्रेशन (अवसाद) के खतरे को रोकने में मदद मिल सकती है।
अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की ओर से बड़े पैमाने पर किए गए अध्ययन के अनुसार, हफ्तेभर कुछ समय टहलने, दौड़ने या डांस करने से डिप्रेशन के खतरे को दूर रखा सकता है। एक्सरसाइज के जरिए वे लोग भी बचाव कर सकते हैं, जिनमें इस मनोरोग का आनुवांशिक तौर पर खतरा रहता है
शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष करीब आठ हजार पुरुषों और महिलाओं के डीएनए नमूनों व अन्य परीक्षणों के विश्लेषण के आधार पर निकाला है। अध्ययन की अगुआई करने वाले हार्वर्ड के टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ता कार्मेल चोई ने कहा, 'शारीरिक गतिविधि का प्रभाव यह है कि डिप्रेशन के जोखिम के साथ जन्म लेने वाले लोगों में भी इस मनोरोग के खतरे को निष्प्रभावी किया जा सकता है।'
शोधकर्ताओं ने आठ हजार प्रतिभागियों से एक्सरसाइज के बारे में उनकी आदत के बारे में प्रश्नावली भरवाई। उनसे पूछा गया था कि वे हफ्ते में कितने घंटे और किस तरह की एक्सरसाइज करते हैं? इसके बाद शोधकर्ताओं ने आनुवांशिक विविधताओं पर गौर करने के लिए उनके डीएनए का परीक्षण किया। उन्होंने प्रतिभागियों के मेडिकल रिकार्ड को भी खंगाला।
सुस्त लोगों की तुलना में हफ्ते में कम से कम तीन घंटे तक टहलने, दौड़ने या योग करने वाले प्रतिभागियों में डिप्रेशन का खतरा कम पाया गया। जबकि हफ्ते में 30 मिनट अतिरिक्त एक्सरसाइज करने पर यह खतरा 17 फीसद और कम हो गया।
30 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित
डिप्रेशन एक तरह का आम मानसिक विकार है। इस विकार के कारण मन हमेशा उदास रहता है और किसी काम में मन नहीं लगता। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डिप्रेशन से दुनिया भर में 30 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं